सन 83 में आधारित यह ब्रितानी फ़िल्म उस दौर के इंग्लैंड के बेरोजगार युवाओं (स्किनहेड्स) के उद्देश्यहीन और अक्सर हिंसक आवारापन, फ़ॉकलैंड्स युद्ध के सामाजिक दुष्परिणामों, थैचर के प्रति असंतोष, और कुछ "राष्ट्रवादियों" द्बारा परिस्थितियों को रंगभेदी रंग देने के तरीकों का एक कोलाज है. कथित तौर पर फ़िल्म लेखक-निर्देशक शेन मीडोज़ के अपने अनुभवों की कहानी है.
फ़िल्म अपने रंगरूप (और कई बार कथावस्तु) में 2002 की आयरिश क्लासिक ब्लडी संडे की याद दिलाती है. यूँ तो पूरी कास्ट का काम ही बेहतरीन है, पर उस दौर में बड़े हो रहे एक ऐसे 12 साल के बच्चे जिसके पिता युद्ध में मारे जा चुके हैं के पात्र में टॉमस टरगूज़ का अभिनय बेजोड़ है.भाषा/विषयवस्तु चेतावनी - फ़िल्म में गालियाँ भरी पड़ी हैं. एफ़-वर्ड का इस्तेमाल हर आधे मिनट में है.